SSC Board Exam 2024 Hindi Que Answer
HINDI (15) (SECOND OR THIRD LANGUAGE) (H)
2024 111 09
(REVISED COURSE)
(REVISED COURSE)
Time: 3 Hours
(Pages 20)
(Pages 20)
Max. Marks: 80
सूचनाएँ:- (1) सूचनाओं के अनुसार गढ्य, पद्म,
पूरक
पतन तथा भाषा अध्यपन (व्याकरण) की आकलन कृतिमी में आवश्यकता के अनुसार आकृतियों
में ही उत्तर लिखना अपेक्षित है।
(2) सभी आकृतियों के लिए पेन का ही प्रयोग करें।
(3) रचना विभाग में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखने के लिए आकृतियों की आवश्यकता नहीं है।
(4) शुद्ध, स्पष्ट एवं सुवाच्य लेखन अपेक्षित है।
(2) सभी आकृतियों के लिए पेन का ही प्रयोग करें।
(3) रचना विभाग में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखने के लिए आकृतियों की आवश्यकता नहीं है।
(4) शुद्ध, स्पष्ट एवं सुवाच्य लेखन अपेक्षित है।
विभाग 1-गद्य: 20 अंक
1. (अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
टाँग से ज्यादा फिक्र मुझे उन लोगों की हुई जो हमदर्दी जताने मुझसे
मिलने आएँगे। ये मिलने-जुलने वाले कई बार इतने अधिक आते हैं और कभी-कभी इतना
परेशान करते हैं कि मरीज का आराम हराम हो जाता है, जिसको मरीज को
खास जरूरत होती है। जनरल वार्ड का तो एक नियम होता है कि आप मरीज को एक निश्चित
समय पर आकर ही तकलीफ दे सकते हैं किंतु प्राइवेट वार्ड, यह तो एक खुला
निमंत्रण है कि "हे मेरे परिचितो, रिश्तेदारी, मित्री! आओ,
जब
जी चाहे आओ, चाहे जितनी देर रुकी, समय का कोई बंधन नहीं।
अपने सारे बदले लेने का यही वक्त है।" बदले का बदला और हमदर्दी
को इमवदों। मिलने बालों का खयाल आते ही मुझे लगा मेरो दूसरी टौंग भी टूट गई।
मुझसे मिलने के लिए सबसे पहले वे लोग आए जिनको टाँग या कुछ और टूटने
पर मैं कभी उनसे मिलने गया था, मानी में इसी दिन का इंतजार कर रहे थे
कि कब मेरी टाँग टूटे और कब वे अपना एहसान चुकाएँ। इनको हमदर्दी में यह बात खास
छिपी रहती है कि देख बेटा वक्त सब पर आता है।
दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही नींद नहीं आती, पदि
थोड़ी-बहुत जा भी आए तो मिलने वाले जगा देते हैं-खास कर वे लोग जो सिर्फ औपचारिकता
निभाने आते हैं।
(1) निम्नलिखित बालय पूर्ण कीजिए: 2
(1) मरीज का आराम हराम सम हो जाता है जब ……………..
(2) जब मिलने वालों का खयाल लेखक को आता है तब ……………….
(1) मरीज का आराम हराम सम हो जाता है जब ……………..
(2) जब मिलने वालों का खयाल लेखक को आता है तब ……………….
(2) उत्तर लिखिए
2
(i) हमयों मताने वालों की फिक्र करने वाला-
(ii) लेखक को परेशान करने वाले
(iii)) मरीज को मिलने को संबंध में यहाँ समथ का बंधन पाला जाता है
(iv) मरीज को इसके कारण नींद नहीं आती
(3) (1) गद्यांश में आई हुई एक समानार्थी शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए। 1
(4) गद्यांश में प्रयुक्त दो उर्दू शब्द ढूँढ़कर लिखिए: 1
(1) ---------------
(2) ---------------
(i) हमयों मताने वालों की फिक्र करने वाला-
(ii) लेखक को परेशान करने वाले
(iii)) मरीज को मिलने को संबंध में यहाँ समथ का बंधन पाला जाता है
(iv) मरीज को इसके कारण नींद नहीं आती
(4) गद्यांश में प्रयुक्त दो उर्दू शब्द ढूँढ़कर लिखिए: 1
(1) ---------------
(2) ---------------
(4) 'आराम हराम है' विषय पर 25 से 30
शब्दों में अपने विचार लिखिए। 2
(आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ
कीजिए: 8
अभी समाज में यह चल रहा है कि बहुत से लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं और थोड़े बौदधिक श्रम से। जिनके पास संपत्ति अधिक है. वे आराम में रहते हैं। अनेक लोगों में श्रम करने की आदत भी नहीं है। इस दशा में उक्त नियम का अमल होना दूर की बात है फिर भी उसके पीछे जो तथ्य है, वह हमें स्वीकार करना बाहिए भले ही हमारी दुर्बलता के कारण हम उसे ठीक तरह से न निभा सकें क्योंकि आजीविका की साधन सामग्री किसी-न-किसी के श्रम बिना हो ही नहीं सकती। इसलिए बिना शरीर श्रम किए उस सामग्री का उपयोग करने का न्यायोचित अधिकार हमें नहीं मिलता। अगर पैसे के बल पर हम सामग्री खरीदते हैं तो उस पैसे की जड़ भी अंत में श्रम ही है।धनिक लोग अपनी ज्यादा संपत्ति का उपयोग समाज के हित में ट्रस्टी के तौर पर करें। संपत्ति दान यज्ञ और भूदान यज्ञ का भी आखिर आशय क्या है ? अपने पास आवश्यकता से जो कुछ अधिक है, उसपर हम अपना अधिकार न समझकर उसका उपयोग दूसरों के लिए करें।
अभी समाज में यह चल रहा है कि बहुत से लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं और थोड़े बौदधिक श्रम से। जिनके पास संपत्ति अधिक है. वे आराम में रहते हैं। अनेक लोगों में श्रम करने की आदत भी नहीं है। इस दशा में उक्त नियम का अमल होना दूर की बात है फिर भी उसके पीछे जो तथ्य है, वह हमें स्वीकार करना बाहिए भले ही हमारी दुर्बलता के कारण हम उसे ठीक तरह से न निभा सकें क्योंकि आजीविका की साधन सामग्री किसी-न-किसी के श्रम बिना हो ही नहीं सकती। इसलिए बिना शरीर श्रम किए उस सामग्री का उपयोग करने का न्यायोचित अधिकार हमें नहीं मिलता। अगर पैसे के बल पर हम सामग्री खरीदते हैं तो उस पैसे की जड़ भी अंत में श्रम ही है।धनिक लोग अपनी ज्यादा संपत्ति का उपयोग समाज के हित में ट्रस्टी के तौर पर करें। संपत्ति दान यज्ञ और भूदान यज्ञ का भी आखिर आशय क्या है ? अपने पास आवश्यकता से जो कुछ अधिक है, उसपर हम अपना अधिकार न समझकर उसका उपयोग दूसरों के लिए करें।
यह भी बहस चलती है कि धनिकों के दान से
सामाजिक उपयोग के अनेक बड़े-बड़े कार्य होते हैं जैसे कि अस्पताल, विद्यालय
आदि।
(1) उत्तर लिखिए: 2
(i)
समाज
में अपनी आजीविका बहुत से लोग इससे चलाते हैं-
(ii)
समाज
में अपनी आजीविका थोड़े लोग इससे चलाते हैं-
(iii)
आराम
में रहने वाले लोगों के पास यह अधिक है-
(iv)
अनेक
लोगों में इसकी आदत नहीं है-
(2) कृति पूर्ण
कीजिए: 2
(i) गद्यांश में उल्लेखित यज्ञ
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